आज पर्वतजन न्यूज़ पोर्टल के हवाले से माo मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी उत्तराखंड के विशेष कार्य अधिकारी श्री धीरेंद्र सिंह पवार जी चर्चा का विषय बने रहे|
उनके ऊपर आरोप लगे कि वह जीरो टॉलरेंस की सरकार में मा० मुख्यमंत्री जी की विधानसभा के अंतर्गत अवैध खनन को बढ़ावा दे रहे हैं एवं काला चश्मा लगाकर घूमने के पीछे कई तर्क दिए गए|
जिन फोटो एवं घटनाओं को संज्ञान में लिया गया है हमने उसकी जांच की एवं यह स्पष्ट हुआ कि यह सारी बातें काल्पनिक है इनका किसी भी प्रकार से किसी भी कार्य में कोई संबंध नहीं है|
जिस फोटो को अवैध खनन को बढ़ावा देने में इस्तेमाल किया गया है वह दरअसल में अवैध खनन को रोकने के लिए किया गया औचक निरीक्षण था|
साथ ही काले चश्मे को लेकर जो भी बातें लिखी गई है उसके बारे में गहराई से पता किया गया तो यह बात सामने आई की विशेष कार्य अधिकारी बनने से पहले भी काला चश्मा या जिसे सनग्लासेस कहते हैं वह निरंतर इस्तेमाल में लाए जाते थे|
जिसे पंवार जी ने अपने फ़ेसबुक प्रोफाइल से शेयर किया था | इन्ही फोटो को इस्तेमाल करके पर्वतजन ने इन तस्वीरों का ग़लत तरीके से दिखाया गया |
अब सवाल यह उठ रहे है की क्या पर्वतजन अब इस बात का सर्टिफिकेट देगा की कों काला चस्मा पहने कों नही और क्या किसी के काला चश्मा पहनने मात्र से, उसके चरित्र पर सवाल उठाया जा सकता है
नरेंद्र मोदी से लेकर प्रणव मुखर्जी और योगी आदित्यनाथ सब लोग काला चस्मा पहनते है तो क्या अब मोदी, योगी, प्रणव मुखर्जी सब ग़लत चरित्र के है ,
सारी बातें जानने के बाद यही बात स्पष्ट होती है की एक साल बेमिसाल रहने के बाद कहीं ना कहीं सरकार की किरकरी करने की योजना उत्पन्न होनी शुरू हो गई है|